लगता है रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय की कोई भी दवा मंदी की महामारी का शिकार होते शेयर बाजार पर असर नहीं कर रही है। |
यही वजह है कि चंद दिन पहले ही सेबी और रिजर्व बैंक के कदमों के बावजूद शुक्रवार को चौरफा बिकवाली से बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स खुलते ही 1000 अंकों से ज्यादा लुढ़क गया। बाजार 10 फीसदी के लोअर सर्किट के करीब ही था रिजर्व बैंक ने आनन-फानन में सीआरआर में एक फीसदी की कटौती की घोषणा कर दी। इसके बाद कारोबार के दौरान कुछ समय के लिए तो ऐसा लगा कि सरकारी दवा असर कर रही है और बाजार में सुधार देखने को मिला। लेकिन फिर बाजार की हालत बिगड़ते ही साफ हो गया कि उस पर इन दवाओं का कोई असर नहीं है। कारोबार समाप्ति पर सेंसेक्स 800 से अधिक अंक लुढ़क कर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी सूचकांक में भी भारी गिरावट रही। कारोबार समाप्ति पर निफ्टी 233.70 अंक लुढ़क कर 3,279.95 अंक पर बंद हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि शेयर बाजारों में हुई इस भारी गिरावट की मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में हुई गिरावट रह्वही। इससे घरेलू बाजार में भारी बिकवाली का दबाव बना। वही डॉलर के मुकाबले रुपया में तेज गिरावट से भी निवेशकों की धारणा पस्त हो गई। गिरावट के इस दौर में औद्योगिक विकास दर के निराशाजनक आंकड़ों ने आग में घी डालने जैसा काम किया। कमोबेश सभी शेयर गिरावट पर बंद हुए। इनमें सबसे ज्यादा रिलायंस कम्यु. 21 फीसदी के करीब गिरा। आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इन्फ्रा 19 फीसदी से ज्यादा, जेपी एसोसिएट्स 16 फीसदी से ज्यादा, टाटा स्टील 15 फीसदी ज्यादा की गिरावट पर बंद हुए। |
Saturday, October 11, 2008
बाजार का मर्ज बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों दवा की
Monday, September 29, 2008
Life Insurance SectorAchievements and Growth Prospects
•Over 80% of life insurance business garnered from ULIPs (March 31, 2008)*
•Addresses balance between savings and protection needs
•Meets specific financial goals through long-term and disciplined investment
•Transparency of ULIPs provides a clear view of value generated from the policy
•Built-in flexibility allows the policyholder to choose and change asset allocation in line with the risk appetite and adapting to changing life circumstances.
•The overall charges taper over the longer term
•Addresses balance between savings and protection needs
•Meets specific financial goals through long-term and disciplined investment
•Transparency of ULIPs provides a clear view of value generated from the policy
•Built-in flexibility allows the policyholder to choose and change asset allocation in line with the risk appetite and adapting to changing life circumstances.
•The overall charges taper over the longer term
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